"18 साल से कम उम्र वाले को सिगरेट - पान - गुटखा - तम्बाकू नहीं दिया जायेगा " ऐसा आपने कितने पान दुकानों में लिखा देखा है? या कितने पान शॉप पर पान बेचने वाले भईया होंगे जो ऐसी सोच रखते होंगे या मानते होंगे?
भारत में जब तक आप 18 साल के नहीं होते तब तक आप नाबालिग हैं। यानि आपके बचपने वाले बर्ताव के कारण आपके लिए नियम और दंड भी अलग है। जैसे नाबालिगों को वोट न दे पाना सबसे सामान्य वर्जित नियमों में से एक है। पर उसके साथ ही आप सिगरेट, बीड़ी, पान, गुटखा, तम्बाकू, शराब या कोई भी नशा करने वाला पदार्थ ना कोई नाबालिगों को बेच सकता है और ना ही आप १८ साले से कम उम्र होने के वजह से खरीद सकते हो। उसी तरह एडल्ट फिल्म भी वर्जित है क्यूंकि उसके लिए आपको एडल्ट होना या बालिग होना जरुरी है।
फिर भी ऐसा होता कहाँ है। वर्जित है तो सही पर मानता कौन है?
अजी मानने वाले मानते हैं, और वो ही मानते हैं जो बुद्धि से और शरीर से बालिग हो जाते हैं। जिन्हे पैसे की भूख नहीं देश को सही दिशा देने की भूख होती है।
जैसे अपने जलन्धर प्रसाद चौरसिया जी। चौरसिया जी की पान की दुकान है पश्चिम बंगाल के हावड़ा मैदान में। पानवाले की दुकान छोटी सी ही है पर दुकानदार की सोच ऊँची है। मेरी मानो तो यह हावड़ा मैदान की शान है। मैं तो इनके सोच को सलाम करता हूँ। पान की दुकान हो तो ऐसी हो वरना न हो।
भारत में जब तक आप 18 साल के नहीं होते तब तक आप नाबालिग हैं। यानि आपके बचपने वाले बर्ताव के कारण आपके लिए नियम और दंड भी अलग है। जैसे नाबालिगों को वोट न दे पाना सबसे सामान्य वर्जित नियमों में से एक है। पर उसके साथ ही आप सिगरेट, बीड़ी, पान, गुटखा, तम्बाकू, शराब या कोई भी नशा करने वाला पदार्थ ना कोई नाबालिगों को बेच सकता है और ना ही आप १८ साले से कम उम्र होने के वजह से खरीद सकते हो। उसी तरह एडल्ट फिल्म भी वर्जित है क्यूंकि उसके लिए आपको एडल्ट होना या बालिग होना जरुरी है।
फिर भी ऐसा होता कहाँ है। वर्जित है तो सही पर मानता कौन है?
अजी मानने वाले मानते हैं, और वो ही मानते हैं जो बुद्धि से और शरीर से बालिग हो जाते हैं। जिन्हे पैसे की भूख नहीं देश को सही दिशा देने की भूख होती है।
हावड़ा मैदान में चौरसिया जी की पान की दुकान और उनकी उच्च कोटि की सोच दुकान के निसिद्ध बोर्ड पर झलकते हुए |
जैसे अपने जलन्धर प्रसाद चौरसिया जी। चौरसिया जी की पान की दुकान है पश्चिम बंगाल के हावड़ा मैदान में। पानवाले की दुकान छोटी सी ही है पर दुकानदार की सोच ऊँची है। मेरी मानो तो यह हावड़ा मैदान की शान है। मैं तो इनके सोच को सलाम करता हूँ। पान की दुकान हो तो ऐसी हो वरना न हो।
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