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Showing posts from November, 2015

A Sunday Treat At Dakshineswar Kali Temple Kolkata

It would have been a regular and lazy sunday that day which comes every weekend unless there is something special to cherish about. But thanks to my friend, let's call him 'L'; who planned to visit Dakshineswar Kali Temple in Kolkata early morning to perform pooja rituals in the temple to welcome his new motorcycle TVS Apache RTR to the family. Drawing Swastika Sign prior to Bike Puja As we were heading towards Dakshineswar Temple from Howrah, we have already checked the normal opening and closure timings as well as aarti timings of the Kali Temple from these two reliable website sources. West Bengal Tourism, Government of West Bengal-Heritage section- Dakshineswar Temple Official Website of Dakshineswar Kali Temple, Calcutta, now Kolkata He caught a Brahmin Pandit from the temple premises itself. One can find everything related to performing puja and rituals from the "Dala Arcade" building which is built inside the temple premi

बंदरों का आतंक

इंसान और बंदर देखने में तो काफी अलग होते हैं पर ढांचा बिलकुल एक जैसा । वही २ कान २ आँखें १ नाक और मुँह वही १०-१० उँगलियों के पंजे पर सिर्फ एक अकेली पूँछ ने सारा खेल बिगाड़ दिया। वरना वो जानवर होते हुए भी आज हम मनुष्यों के साथ पल-बढ़ रहे होते क्यूंकि बंदरों को इंसानो के साथ काम करना या यूँ कहें उनकी नक़ल उतारना बखूबी पसंद है या इंसानो को बंदरों के साथ घुलना मिलना अच्छा लगता है। तमाशा दिखाने आये हुए मदारी ने बन्दर के बच्चे को हाथों में पकड़ा हुआ था तभी तो मदारी भी इन कपि शावकों को बचपन से ही पाल पोस कर बड़ा करना चाहता हैं। वो शायद इसलिए के बचपन से इंसानो के बीच पले-बढे होने से इन् जानवरों में मनुष्यों के प्रति एक लगाव सा हो जाता है । वो अपने मालिक के उँगलियों पर नाचने के लिए तैयार किया जाने लगता है। बन्दर के बच्चे का आतंक  Baba Abhay holding a bad baby monkey- the Year 2013 लोग बड़े चाव से मदारी का तमाशा भी देखते हैं, पैसे लुटाते हैं, बंदर को केला-फल खिलाया जाता है इत्यादि-इत्यादि! खैर वो अलग बात है के मैं इस बन्दर के बच्चे को केला देने के बजाय Hajmola Candy देने गया था, प

देशी गन्ने का जूस- अमृत से सत्कार

गर्मी का महीना, भरी दोपहरी, कड़क धुप और उसपे  अगर मोटरसाइकिल से पड़ोस के गॉव में अपने किसी  हितैषी से मिलने जाना हो तो भी ये चिलचिलाती गर्मी हित-मीत वाले चाल -चलन नहीं दिखलाती है।  पर हित तो हित ही होते हैं । घर के दरवाजे पर पहुंचे नहीं के चारपाई लग गयी पीपल के पेड़ के निचे।    Extracting sugarcane juice- The Desi Style बाकायदा दुआ-सलाम होने के साथ-साथ बच्चों को जल्द से जल्द सेवा में अमृत पान कराने को कहा गया । बच्चे ने ईंख चिभते हुए सर हिलाया! पछुआ हूं-हूं (पश्चिम दिशा से बहनेवाली हवा) कर बह रही थी! सर से पैर तक पसीने से बुरा हाल हुए जा रहा था । तभी मोटर चलने की आवाज़ आई।  Sugarcane pile all over the verandah पल भर में इंजन की आवाज़ बंद होते ही बाल्टी भर गन्ने का शीतल अमृत रूपी रस और गिलास हाज़िर था । शहरों में बिकने वाले छिले हुए गन्ने के रस  की तरह चमकदार और साफ़ तो नहीं था पर गावं की मिटटी से जुड़ा ज़रा सा मठ -मैला पर स्वाद ऐसा की हलक से उतारते ही मानो जैसे मोक्ष प्राप्त हो गया हो!  Juicer for lump sugar भेलि और गुड़ के लिए निकले गए  रस के भंडार को आग पर पकाने के साथ-साथ ग