बात उस वक़्त की है जब मैं और मेरे सभी दोस्त तैयार हो कर अपने एक दुसरे दोस्त की शादी में गए थें! शराब पीने का आलम इतना के लोग पि कर आये हैं फिर भी कही न कहीं से एक-आध जुगार कर ही ले रहे थें! हाँ, मैं इन् सब चीजों में भले ही शामिल न था पर जो लोग ऐसा कर रहे थे उन्हें गौर से अनुसरण जरुर कर रहा था! खूब पियाई हुई, इतनी हुई के अब खाना खाते-खाते रात के 1 बज ही जाएँगे! फ़िलहाल तो सिर्फ 12 ही बज रहे थें!
सबका खाना पीना हो गया था, सिर्फ उन् लोगो का बाकि था जो अभी तक पिने-पिलाने में वयस्थ थे! जो लोग अपने परिवार के साथ आये थें, वे लोग अब जाने की तलाश में थे! मुझसे ये अच्छे-अच्छे पकवान देख कर रहा नहीं जाता! बस मौका मिला तो जाकर थोडा बहोत अपनी जीभा पर रख लेता हु, मेरा मतलब खा लेता हूँ! और रुकने का भी कोई फ़ायदा नहीं है, रात जितनी बढ़ेगी भूख उतनी हे लगेगी और कभी कभार तो ऐसा भी हुआ है के खाली पेट घर आना पड़ा है!
अपने सभी मित्रों में सिर्फ मैं ही था जो अपने खाने के कार्यक्रम से निवृत हो चूका था! बाकि सभी मित्र इधर उधर घुमने में वयस्थ थें! कुछ DJ की ताल पर झूमने में लगे हुए थें! तो कुछ लोग खाने की थाली लेकर लाइन में लगे हुए थे! मैं निश्चिंत होकर बहार निकला! सोचा खाने के बाद थोडा टहल लेना चाहिए! शादी तो रात भर होते रहेगी! बहार निकला तो देखा के दुनिया तो खुद में ही मस्त है! कोई जगह खोज कर, दारु- पानी के ग्लास में पंच करके मार रहा है तो कोई कोल्ड ड्रिंक्स की बोतल में मिक्स करके गटक रहा है!
तभी दूर किसी के झगड़ा करने और चिल्लाने की आवाज़ आई! सोचा के जाकर थोड़ा देखू माजरा क्या है! भले ही शादी को शांतिपूर्वक करवाने की जिम्मेदारी मेरे कंधो पे न हो पर फिर भी एक बार जा कर देखा तो जा सकता है!
जब हम स्पोट पर पहुंचे तो देखते क्या हैं के एक मोटरसाइकिल वाले भैया ने सामने से आ रही साइकिल पर बैठे 2 लरको को थोक दिया है! महासय ज़रा सी पिए हुए थे! पीने का एहसास कुछ ज्यादा हे था क्यों के उनके मोटरसाइकिल से धक्का लगने के बाद उन दोनों लडको की हालत ख़राब थी!
पहला बंदा, जो की साइकिल चालक था, वो सीधा नाले में जा कर किरता है और उसके घुटने की हड्डियों में अच्चा खासा चोट लगा हुआ है, दूसरा लड़का अपने केहुनी की चोट से चिल्ला रहा था! दोनों के सरीर से खून हल्का-हल्का निकल रहा है! धन्य भाग के उतनी महंगी मोटरसाइकिल को कुछ नहीं हुआ था! मैंने भी माजरा समझने के लिए, झगडा शांत कराने की कोसिस करने के लिए सामने खड़े एक नौजवान को पूछा- "की होलो दादा? (क्या हुआ भैया?) सामने वाले ने सारी बात बताई, तब तक मामला और बढ़ गया और देखते ही देखते लोगों की भीड़ बढ़ गयी थी!
कोई कहता के मोटरसाइकिल वाले को पी कर गाड़ी चलाने और एक्सिडेंट करने के लिए पोलिस थाने ले जाया जाये! और कोई और कह रहा होता के पहले डॉक्टर के पास लेकर जाया जाए! दोनों लडको को साइकिल मर्रामत और इलाज का खर्चा मोटरसाइकिल वाला देगा! इतना कहने-सुनने में ही मोटरसाइकिल वाले लड़के के दोस्त आगये! मामला तो अभी तक चिल्ला-मिल्ली तक ही था, पर दोस्तों को सामने देखते ही उनके साथी ने जोर से गुहार लगायी -"ई, हमको मारा हे! ई, हमको मारा हे!"
इतना कहते ही कहते मोटरसाइकिल वाला लड़का अपने दोस्तों के सामने रोने लगा और ये शब्द बार-बार दोहराने लगा! पर मुझे हंसी इस बात पर आरही थी की जब तक वो मोटरसाइकिल वाला अकेला था तब तक वो साइकिल वाले लडको के समर्थको पर चिल्लाने के अलावा कुछ नहीं कर रहा था, पर जैसे ही दोस्तों को सामने पाया तो पलती मार कर फूट-फूट कर रोते हुए दोस्तों से मदद की गुहार करने लगा!
और दोस्त भी ऐसे रोते हुए देख कर भड़क गए! लगे पूछने वहा खड़े लोगो से के किसने मारा है इसे, उसकी इतनी हिम्मत! धीरे-धीरे इस रोने गाने से मामला हटा तो ये हुआ के उन साइकिल वाले लडको को हॉस्पिटल ले जाया गया! उनका सारा खर्चा भी मोटरसाइकिल वाले भाई साहब ने दी! पर अगर ऐसा हे करना था तो दोस्त बुलाने या रोने गाने की क्या जरुरत थी?
ऊपर से इतनी महंगी शराब आती है आज कल, अगर शराब के साथ एक्सिडेंट करने का भी खर्चा जोर दिया जाए तो शराब तो काफी मेहेंगी हो जाएगी!
उन लडको की चोट इतनी भी गहरी नहीं थी के जान चली जाए और इतनी भी छोटी नहीं थी के जान न ले पाए!
क्या शादी ब्याह के माहौल में शराब पीना इतना ही जरुरी हो जाता है????
क्या शादी ब्याह के माहौल में इतना शराब पीना जरुरी हो होता है????
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