टेक्नोलॉजिकल उन्नति के तरफ अग्रसर हो रहे देश-दुनिया को पेड़ पौधों का महत्व और वृक्षारोपण के लिए जागरूक और उत्साहित करने का प्रयास इस हिंदी कविता द्वारा करने की कोशिश की गई है। "हो मूर्ति विसर्जन से निकला पौधा या हो कब्र पर झूमती फूलों की बेल ये सौगात है एक नए जीवन की जो है जाने वालों का खेल। इसकी सेवा वैसे ही करो जैसे की वे जानेवाले की धरोहर हो। तिनका-तिनका बढ़ते देख मन खुशी से सरोवर हो। इतना पूजनीय कर दो वृक्ष को की कभी कोई न काट पाए। दोस्त तो दोस्त दुश्मन भी उसकी छाँव में सुस्ताये। इतना पूजनीय कर दो वृक्ष को की कभी कोई न काट पाए" 🙏 🌱🌺🏵️🌼🌹🌳🌾🌿🍂🍁🌲🌵🌴🌷🥀💮🌸🌼 #PlantWhateverYouCan